*देवदूत हैं चिकित्सक, सम्मान करो*
**चिकित्सक का सम्मान करो
देवदूत का ना अपमान करो
चिकित्सक परमात्मा के दूत हैं
कई वर्षों के कठोर अध्ययन के बाद
एक चिकित्सक तैयार होता है
अपना संपूर्ण जीवन चिकित्सा क्षेत्र में कई शोधों और अध्ययन कार्य में समर्पित करता है
एक चिकित्सक जटिल से जटिल रोगों पर शोध कर , रोगों से निजात दिलाने में अपना संपूर्ण जीवन समर्पित करता है शारीरिक और मानसिक कष्ट से कैसे बचा जाए इस पर भी एक चिकित्सक अपनी भूमिका निभाता है
एक चिकित्सक का सम्पूर्ण जीवन समाज को समर्पित होता ,आपातकाल में चिकित्सक को कभी भी बुलाया जाता है उस पर भी एक चिकित्सक अपना कर्तव्य समझ अपना सुख-चैन भूलकर सेवा करता है
उस पर भी धरती पर परमात्मा का दूत
चिकित्सक अपमानित होता , हाय! ये सच
में कलयुग ही लगता
आपातकाल की स्थिति में
एक अस्सी साल का बुजुर्ग जब दिल का दौरा पड़ने पर चिकित्सालय में लाया जाता
उसका यथा विधिवत उपचार किया जाता है।
समय की ऐसी विडम्बना बुजुर्ग दुनियां से
चल बनता है, ये तो विधि का खेल है
उस पर परिजनों का आक्रोश चिकित्सकों पर उतरता है,*भगवान के दूतों चिकित्सकों *को पीटा जाता , हाय! ये कैसा जमाना आ गया जीवन रक्षक के प्राणों पर संकट आ गया
बस करो ये अत्याचारचिकित्सक का करो सम्मान
वरना रोगी बनकर दर्द में तड़पते -तड़पते
करहाते -करहाते पड़े रहना खटिया पर और एक दिन छोड़ देना प्राण
जब चिकत्सक ना होंगे
तब धरती पर सब करहाते रहेंगे
चिकित्सक का सम्मान करो
देव दूतों का ना अपमान करो
अगर नहीं विश्वास चिकित्सकों पर
तो घर बैठे दर्द में करहाते रहो पर ना
चिकित्सक के इलाज पर इल्ज़ाम करो
विज्ञान की खोजें हैं कई मंहगे मशीनों से
प्रयोगशालाओं में कई जटिल रोंगों
का के अंत का तोड़ निकला है ।
देवदूतों चिकित्सकों का सम्मान करो ।