*ऋषिकेश* यह वास्तव में देवों की धरती है
गौ मुख से प्रवाहित ,गंगोत्री जिसका धाम ,
अमृतमयी ,निर्मल गँगा माता को मेरा शत-शत
प्रणाम *
गौ मुख से प्रवाहित ,गंगोत्री जिसका धाम ,
अमृतमयी ,निर्मल गँगा माता को मेरा शत-शत
प्रणाम *
* देवों की भूमि है,अमृतमयी गँगा की अमृत धारा है *
" ये जो शहर हमारा है "
* इसका बड़ा ही रमणीय नज़ारा है ,
* हिमालय की पहाड़ियों का रक्षा कवच है ,*
* नीलकण्ठ महादेव का वास है
* बदरीनाथ, केदारनाथ,का आशीर्वाद है,*
लक्ष्मण झूला का भी प्रमाण है।
* मन्दिरों में गूँजते शंखनाद हैं ।
महात्माओं के मुख से सुनते सत्संग का प्रसाद है ।
निर्मल,शान्त,अध्यात्म से परिपूर्ण सत्संगी वायुमंडल सारा है
निर्मल,शान्त,अध्यात्म से परिपूर्ण सत्संगी वायुमंडल सारा है
वास्तव में प्रकर्ति,और परमात्मा ने इसे खूब सवांरा है
अद्भुत अतुलनीय ,स्वर्गमयी ये *ऋषिकेश*शहर हमारा है।।