तू ही ढूंढेगा तेरी
मुश्किलों का हल
ऐ मानव तू चपल-चंचल
व्यथित है, क्यों हर पल
भरकर कमल नयन में जल
क्यों उदास है जीवन में
जो तेरे भर गया है मल
माना कि अवरुद्ध है
तेरा मार्ग, लड़ जा
कर जा बाधाओं को पार
बन जा दरिया का बहता जल
निरंतर प्रवाहित,निर्मल,निश्चल
हो जाएगा जीवन सफल
माना की तू कमल
कीचड़ में तेरा जन्म
अपनी नियति को समझ
तू पूजनीय है
तेरा जीवन है सफल
यही जीवन का सच ।
मुश्किलों का हल
ऐ मानव तू चपल-चंचल
व्यथित है, क्यों हर पल
भरकर कमल नयन में जल
क्यों उदास है जीवन में
जो तेरे भर गया है मल
माना कि अवरुद्ध है
तेरा मार्ग, लड़ जा
कर जा बाधाओं को पार
बन जा दरिया का बहता जल
निरंतर प्रवाहित,निर्मल,निश्चल
हो जाएगा जीवन सफल
माना की तू कमल
कीचड़ में तेरा जन्म
अपनी नियति को समझ
तू पूजनीय है
तेरा जीवन है सफल
यही जीवन का सच ।