**ठंडी छांव**

  **  इनायते कर्म तो होती है
तू एतबार करके तो देख
निखार तो आता है
सूर्य की तपिश में
तप के तो देख
इंतहान तो देना पड़ता है
कठिन से कठिन हालातों
को चुनौती समझ पार कर के तो देख
तू थोड़ा सब्र करके तो देख
उसके आश्रय की ठंडी छांव
मिलती है तू विश्वास करके तो देख
सफ़र लम्बा है पथरीली राहें
जख्मों के नासूर भी बनते हैं
ये तेरे किरदार की भूमिका है
अपने किरदार को अच्छे से निभाकर तो देख
जीत तेरी होगी तू उस पर विश्वास करके तो देख
रो मत, हौसला रख ,ये जिंदगी का सफर है
चलते -चलते राहों में गीत गुनगुना के तो देख
दुनियां तेरी दीवानी होगी
तू हर हाल में मुस्करा के तो देख
उसकी दुआओं की ठंडी छांव आ रही है
तू एहसास करके तो देख ...



खिलौने से खेलने की उम्र
जीवन के रंगों से खेलती
नहीं.. मैं, नहीं खेलती गुब्बारों से
गुलाबी ,नीले,पीले,लाल रंगों की
खूबसूरती भाती है मुझे भी
पर क्या करूं मैं खेल नहीं सकती
बचपन की रंगीनियों से मैं
बेचती हूं सुन्दर-सुंदर रंग-बिरंगे गुब्बारे
घर में छोटा भाई है, छोटी बहन है
जिम्मेदारियों के बोझ ने मुझे
बड़ा कर दिया ...

आओ अच्छा बस अच्छा सोचें

 आओ कुछ अच्छा सोचें अच्छा करें , अच्छा देखें अच्छा करने की चाह में इतने अच्छे हो जायें की की साकारात्मक सोच से नाकारात्मकता की सारी व्याधिया...