"होश की बातें करते हैं वो
जो नशे में सदा रहते हैं
स्वयं आदतों के गुलाम है
और दुनियां की आजादी
की बातें करते हैं "
"देकर उदहारण ,
जमाना खराब का
कैद में रखकर आजादी को
स्वतंत्रता , स्वालभिलंब,एवम्
शसक्तीकरण का ऐलान करते हैं
नियत खराब है ,कहने वालों
नियत जिसकी खराब है ,
दोषी वह है ,जिसकी सोच बुरी है
फिर सच्चाई के पैरों में जंजीरे क्यों"
"कैद करना है सजा देनी है तो
उस गलत सोच को दो
जो अच्छाई को भी अपनी बुरी
और गलत सोच और दृष्टि से
दूषित करने की सोचती है "
"बेडीयां डालनी है जो जमाना खराब है
उस खराब जमाने पर डालो अच्छाई की सांसों
को खुली हवा में सांस लेने दो "