**फरिश्ता ऐ आसमान **

 धरती पर फरिश्ता ऐ ,
 आसमान होते हैं।
 माँ बाप तो दुआओं की खान होते है । 
जीवन के हर मोड़ पर 
कवच की तरह माँ बाप 
सुरक्षा की ढाल होते हैं।

हर दर्द की दवा होते हैं 
फल फूलों से लदे वृक्ष और 
ठण्डी छाँव होते हैं ।

अनकहे शब्दों की अरदास होते हैं।

माँ बाप के ना होने का दर्द,
एक अनाथ बच्चे से पूछो,
बेटा सुनने को जिसके कान तरसते हैं।।



** मेघ मल्हार **

        "मेघ मल्हार "

मेघों ने मल्हार है गया
रिम-झिम,रिम-झिम वर्षा
से सिंचित हो गया प्रकृति
का श्रृंगार निराला ।
मौसम भी क्या खूब है ,आया

कभी धूप ,कभी छाया,तो
कभी पल भर मे छा जाते,
नील गगन में हर्षोल्लास
के बादल।

और भीग जाते पल भर मे
 वर्षा से सबके आँगन
वसुन्धरा हुयी प्रफुल्लित
वृक्षों पर नयी कोपलें पुलकित।

 फल फूलों से समृद्ध                              
 प्रकृति हो रही है हर्षित।

 वसुन्धरा पर समृद्ध हर कंधरा।
 मोर  मोरनी निर्त्य कर रहे
 पक्षी भी चहक लगे हैं अब तो
आओ हम सब मिल मंगल गान गायें
 गीत ख़ुशी के गुनगुनायें
 झुला झूलें ,नाचे गायें ।।


आओ अच्छा बस अच्छा सोचें

 आओ कुछ अच्छा सोचें अच्छा करें , अच्छा देखें अच्छा करने की चाह में इतने अच्छे हो जायें की की साकारात्मक सोच से नाकारात्मकता की सारी व्याधिया...