👍आत्मविश्वास👍

*आत्मविश्वास *

     " आत्म विश्वास यानि स्वयं का स्वयं पर विश्वास
       अद्वित्य,अदृश्य, आत्मा की आवाज़ है ,आत्मविश्वास"

       आत्मविश्वास मनुष्य में समाहित अमूल्य रत्न मणि है।
       आत्मविश्वास एक ऐसी पूंजी है
       जो मनुष्य की सबसे बड़ी धरोहर है।

      आत्म विश्वास ही चींटी को पहाड़ चढ़ने को प्रेरित करता          है ,वरना कहाँ चींटी कहाँ पहाड़।
      आत्मविश्वास विहीन मनुष्य मृतक के सामान है ।

       तन की तंदरुस्ती माना की पौष्टिक भोजन से आती है 
       परन्तु मनुष्य के आत्मबल को बढ़ाता है 
       उसका स्वयं का आत्मविश्वास ।

       आत्म विश्वास ही तो है जिसके बल पर बड़ी-बड़ी जंगे             जीती जाती हैं ,इतिहास रचे जाते हैं ।
     
       आत्मविश्वास, यानि, स्वयं की आत्मा पर विश्वास
       स्वयं का स्वयम पर विश्वास जरूरी है ,वरना हाथों
       की लकीरें भी अधूरी हैं।
       कहते हैं हाथों की लकीरों में तकदीरें लिखी होती है 
       बशर्ते तकदीरें भी कर्मों पर टिकी होती हैं ।

       आत्म विश्वास यानि स्वयं में समाहित ऊर्जा को                    पहचानना और उसे उजागार करना ।
       तन की दुर्बलता तो दूर हो सकती है 
       परन्तु मन की दुर्बलता मनुष्य को जीते जी मार 
       देती है ।
       इसलिए कभी भी आत्म विश्वास ना खोना 
       मेरे साथियों ,क्योंकि आत्मविश्वास ही तुम्हारी 
       वास्तविक पूँजी है , जो हर क्षण तुम्हें प्रेरित करती है।
        निराशा से आशा की और ले जाती है । 
             

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