*******चिराग था फितरत से
जलना मेरी नियति
मैं जलता रहा पिघलता रहा
जग में उजाला करता रहा
मैं होले_होले पिघलता रहा
जग को रोशन करता रहा *****
जलना मेरी नियति
मैं जलता रहा पिघलता रहा
जग में उजाला करता रहा
मैं होले_होले पिघलता रहा
जग को रोशन करता रहा *****
"जब मैं पूजा गया तो ,
जग मुझसे ही जलने लगा ,
मैं तो चिराग था ,फितरत से
मैं जल रहा था ,जग रोशन हो रहा था
कोई मुझको देख कर जलने लगा
स्वयं को ही जलाने लगा
इसमें मेरा क्या कसूर"
**चल बन जा , तू भी चिराग बन
थोड़ा पिघल , उजाले की किरण
का सबब तू बन ,देख फिर तू भी पूजा
जाएगा ,तेरा जीना सफ़ल हो जाएगा **
मैं तो चिराग था ,फितरत से
मैं जल रहा था ,जग रोशन हो रहा था
कोई मुझको देख कर जलने लगा
स्वयं को ही जलाने लगा
इसमें मेरा क्या कसूर"
**चल बन जा , तू भी चिराग बन
थोड़ा पिघल , उजाले की किरण
का सबब तू बन ,देख फिर तू भी पूजा
जाएगा ,तेरा जीना सफ़ल हो जाएगा **