*****आजकल मैं विचारों की खेती करता हूँ ।
शब्दों के बीज बोते रहता हूँ ।
कई क्यारियाँ बन गयी हैं 💐
उनमे अब फ़सल लहलहाने लगी है ।💐💐
किसी क्यारी में ,कविताएं हैं ,किसी मैं कहानियाँ ,
किसी मे गज़ल ,किसी में कोई लेख, आदि हैं।
बाग हरा-भरा हो गया है ,कभी कविता गुनगुनाती है ,
कभी कोई कहानी मुस्कराती है ।
जिन्दगी बड़ी शान से बीत रही है ।
किसी का मनोरंजन हो रहा है
किसी को प्रेरणा मिल रही है ।
किसी की उदासीनता दूर हो रही है
मैं खुश हूँ, मेरे विचारों की खेती फल-फूल रही है ।।