कर्ता है क्योंकि कारण है
कारण है ,क्योंकि करण है
अभिव्यक्ति की आजादी
यानी समक्ष रखना तात्पर्य
व्यक्त करना
यानि जो समक्ष है प्रदर्शित हो रहा है
अभिव्यक्ति हो रहा है वही सत्य है।
सुर है ,संगीत है
शब्दों की मधुर
ध्वनि संग लय
और ताल की
मीठी तान है
भावों की गहराई के अर्थ
की भी महिमा है।
बहुत सुंदर
संगीत वायुमंडल
में व्यक्त
क्यों अव्यक्त है
वायुमंडल में ध्वनि तरंगों
से ही तो व्यक्त होता सरगम है
तरंगों क्या कोई अर्थ नहीं
नित्य शाश्वत आभामंडल का
ही सम्पूर्ण तेज है।
विद्वता में भी वही तो तेज है
प्रकृति ही सौंदर्य
सौंदर्य की तुलना
कोई और नहीं
बाकी सब उपमा तुलनात्मक
यानि कर्ता कारण है
यदि कर्ता का महत्व है
वो उच्च है ,तो कारण भी
महत्वपूर्ण सर्वोच्च और शाश्वत है ।