*आखिर कब तक कितनी माताएं ,कितने लाल जन्मती रहेंगी ,और देश को समर्पित करती रहेंगी ।
वाह! कितनी महान हैं ये माताएं ,पूजनीय हैं ,वंदनीय है ।*
"आखिर कब तक कितनी माताओं के लाल शहीद होते रहेंगें।
सरहद पर तैनात सैनिक ,हम सब की रक्षा की खातिर
क्या बस शहीद होने के लिये हैं , माना कि ये उनका कर्म है
धर्म है । *
*हाय! बड़ा दर्दनीय है ये ,निन्दनीय है ये
वो भी किसी माँ के लाडले हैं, किसी के भाई ,
मित्र, और पति ,क्या उनकी जान की कीमत बस
शहीद होना ही है ।*
"बस करो आतंकवाद के आगे यूँ हर पल मरना
वो चार मारे हमारे सैनिक उस पर फिर चार मारे छः मारे ।
इस तरह आतंकवाद खत्म होने वाला नहीं
आंतकवादी को जड़ से उखाड़ फैंकना है।
ढूँढ़ो आँतकवाद की बुनियाद को ,यूँ पल-पल मरने से
बेहतर है ,उखाड़ फैंको उनकी जड़ों को ,हिला दो आतंकवादियों की बुनियादों को ।
वो हमें डरा -डरा के हमारी जड़ें हिला रहें हैं
अब वक्त आ गया है बहुत हो गया ।
उखाड़ फैंको आतंकवाद को चाहे जो भी हो
आँकवादी अपनी आने वाली नस्लें भी खराब कर रहें है
जहरीले विचारों का जहर आगे अपने ही कुटुम्ब को भी परोस रहे है ।
जिस तरह" श्री मदभगवाद गीता"बाईबल"अमन शांति का संदेश देता है *कुरान *भी हमेशा सुख -शान्ति का संदेश देता है ।।
क्यों ये अपने ही धर्म अपने पीर पैग़म्बरर को बदनाम कर रहे है।।जब ऊपर वाला फैंसला करेगा तब उसकी लाठी में आवाज़ नहीं होंगी बस इंसाफ की तलवार होगी ।
अमन, चैन ,और परस्पर प्रेम की जीत होगी।