जूनून

जो दिल से निकलती  ,है वही सच्ची कविता होती है ,
दिल में जो आग है ,तूफ़ान है 
कुछ कर गुजरने का जनून है ,ऐसे लोगो को  कहाँ 
सुकून है। 

दिल की हलचल ही तो वरदान है। 
मनुष्य तो यूँ ही बदनाम है। 
नेकी की राह चलना नहीं बहुत आसान है। 
नेकी की राह पर चलने वाले मा ना  की बहुत कम हैँ। 

पर नेकी की राह पर चलने वालों की जिद्द के आगे आसमां भी बुलंद है। 
यही तो जीवन का द्वन्द है ,
लोग क्या कहेंगे की छोड़ो  , दिल में जो  आग है ,
उसे करके छोड़ो।   माना की राहें बहुत तंग हैं ,
रोशनी के घरौंदे  तले  अँधेरा  बहुत है 

जिनके जीवन में उम्मीदों का संग है, 
उन्हें मुश्किलों से लड़ जाना पसंद है।
उम्मीदें ही तो भरती जीवन में नया रंग हैं।
जीवन के केनवास  में सुन्दर  रंग भरना 
भी एक कला है ,
नेकी की राह पर चलकर मंजिल पा जाने 
वाले को मिलता परमानन्द है।  

आओ अच्छा बस अच्छा सोचें

 आओ कुछ अच्छा सोचें अच्छा करें , अच्छा देखें अच्छा करने की चाह में इतने अच्छे हो जायें की की साकारात्मक सोच से नाकारात्मकता की सारी व्याधिया...