पलक नहीं झपकती जी चाहता है
निरंतर होता रहे सुन्दर प्रकृति का दीदार
प्रकृति क्या खूब किया है तुमने
वसुन्धरा का श्रृंगार ....
अतुलनीय, अद्वितीय
तुम तो अद्भुत चित्रकार सुन्दर रंग-बिरंगे
पुष्पों का संसार , सौन्दर्यकरण संग वातावरण को
सुगन्धित करने का भी सम्पूर्ण प्रयास
मदमस्त आकर्षक तितलियों
का इठलाना झट से उड़ जाना क्या खूब
प्रकृति का श्रृंगार वृक्षों की कतार
प्राण वायु देते वृक्षों का उपकार
सत्य तो यह हुआ की प्रकृति में निहित
प्राणियों के प्राणों की आस यह सत्य है
मत कर प्राणी प्रकृति से खिलवाड़
स्वयं का ही जीवन ना बिगाड़
प्रकृति का करो संरक्षण , वृक्षों की लगा कतार
प्रकृति की सेवा कर तुम
स्वयं पर ही करोगे उपकार
रंग -बिरंगे पुष्पों की कतार
सौन्दर्यकरण संग वातावरण को
सुगन्धित करने काभी सम्पूर्ण प्रयास
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