"यूँ ही बेवजह मुस्कराया करो"
यूँ ही बेवज़ह भी मुस्कराया करो ,
माहौल को खुशनुमा भी बनाया करो ।
मुस्कराने के भी कई कारण होते हैं ।
कोई खुश होके मुस्कराता है ,तो कोई दर्द छिपाने के लिए मुस्कराता है ।
यूँ ही हम बेवज़ह नहीं मुस्कराते , दिल की उदासी कहीं सरेआम ना हो जाए
इस लिए ही तो खुशियाँ लुटाते हैं ।
मुस्कराने की वजह हमारी ख़ुशी है, ये सच नहीं
दर्द जो रोकर दिखाता है ,वह ही दुखी नहीं होता,
रोने वाले का दर्द तो आसुंओं के साथ बह जाया करता है,।।
किन्तु जब दर्द बेहिसाब हो जाता है , तब कभी -कभी मुस्करा कर भी दर्द छिपाये जाते है
आखिर कब तक रोये कोई ……..
क्योंकि कहतें हैं ना ,रोने वाले के साथ कोई नहीं रोता ,
हँसने वाले के साथ सब हँस लिया करतें हैं
ज़माने में कुछ लोग ऐसे भी हैं ,जो मुस्कराने से भी जलते हैं ,
उनसे कहे कोई , मुस्कराहट तो एक पर्दा है ,
पर्दा हटायें और दर्द की महफ़िल में शामिल हो जाएँ ।
यूँ ही बेवज़ह भी मुस्कराया करो ,
माहौल को खुशनुमा भी बनाया करो ।
मुस्कराने के भी कई कारण होते हैं ।
कोई खुश होके मुस्कराता है ,तो कोई दर्द छिपाने के लिए मुस्कराता है ।
यूँ ही हम बेवज़ह नहीं मुस्कराते , दिल की उदासी कहीं सरेआम ना हो जाए
इस लिए ही तो खुशियाँ लुटाते हैं ।
मुस्कराने की वजह हमारी ख़ुशी है, ये सच नहीं
दर्द जो रोकर दिखाता है ,वह ही दुखी नहीं होता,
रोने वाले का दर्द तो आसुंओं के साथ बह जाया करता है,।।
किन्तु जब दर्द बेहिसाब हो जाता है , तब कभी -कभी मुस्करा कर भी दर्द छिपाये जाते है
आखिर कब तक रोये कोई ……..
क्योंकि कहतें हैं ना ,रोने वाले के साथ कोई नहीं रोता ,
हँसने वाले के साथ सब हँस लिया करतें हैं
ज़माने में कुछ लोग ऐसे भी हैं ,जो मुस्कराने से भी जलते हैं ,
उनसे कहे कोई , मुस्कराहट तो एक पर्दा है ,
पर्दा हटायें और दर्द की महफ़िल में शामिल हो जाएँ ।