प्रतिभावान ,प्रगतिशील,समृद्ध,
नव वर्ष में नवयुग की सौगात
नयी कोपलें, नयी पीढ़ी की नयी
फसल है ,समृद्ध करने को नववर्ष
खुशहाल ।
पवित्र ,शुभ परस्पर प्रेम रुपी
शुभ विचार की खाद
" नव वर्ष फिर से दे रहा है ,दस्तक
अब कर लो नव नूतन पंचांग दीवारों
पर सुसज्जित।"
बारह मास , तीन सौ पैंसठ दिन का
एक वर्ष का काल । अब पूर्ण होने
को है , दो हज़ार सोलह के
वर्ष का कार्यकाल।
अब दो हज़ार सत्तरह का सफ़र शुरू है
बीते वर्ष का सुहाना सफ़र
कुछ खोया, और कुछ पाया
दुनियाँ के मेले में ,सपनों का मेला
नववर्ष में ,नव नूतन सपनोँ का रेला
हरी -भरी धरती पर सुख समृद्धि से
परी पूर्ण वसुन्धरा।
स्वर्णिम सोच है, स्वर्णिम सपने
फिर से सोने की चिड़िया बन चेहकेगा
भारतवर्ष का इतिहास सुनहरा।
आध्यात्मिक ता का अब दीप प्रज्ज्वलित
आत्माओं में अमर प्रेम की ज्योत जली है।
ना कोई द्वेष है ,ना कोई वैर है
इन्सानियत सबका धर्म होगा ।
सादगी और ईमानदारी का जीवन होगा।
सुहाने सफ़र की सुहानी कहानी
मेहनती हाथों में है ,तकदीर देश की
सबको मिलेगी अपने हक़ की रोटी
नहीं सोयेगा अब कोई भूखा
शिक्षित होगा हर नौजवान ,बच्चा-बच्चा
संस्कृति ,शिक्षा,और कर्मठता का जब रंग चढ़ेगा
स्वर्ग धरा पर आ जायेगा
भारतवर्ष फिर सोने की चिड़िया कहलाएगा।
नव वर्ष में नवयुग की सौगात
नयी कोपलें, नयी पीढ़ी की नयी
फसल है ,समृद्ध करने को नववर्ष
खुशहाल ।
पवित्र ,शुभ परस्पर प्रेम रुपी
शुभ विचार की खाद
" नव वर्ष फिर से दे रहा है ,दस्तक
अब कर लो नव नूतन पंचांग दीवारों
पर सुसज्जित।"
बारह मास , तीन सौ पैंसठ दिन का
एक वर्ष का काल । अब पूर्ण होने
को है , दो हज़ार सोलह के
वर्ष का कार्यकाल।
अब दो हज़ार सत्तरह का सफ़र शुरू है
बीते वर्ष का सुहाना सफ़र
कुछ खोया, और कुछ पाया
दुनियाँ के मेले में ,सपनों का मेला
नववर्ष में ,नव नूतन सपनोँ का रेला
हरी -भरी धरती पर सुख समृद्धि से
परी पूर्ण वसुन्धरा।
स्वर्णिम सोच है, स्वर्णिम सपने
फिर से सोने की चिड़िया बन चेहकेगा
भारतवर्ष का इतिहास सुनहरा।
आध्यात्मिक ता का अब दीप प्रज्ज्वलित
आत्माओं में अमर प्रेम की ज्योत जली है।
ना कोई द्वेष है ,ना कोई वैर है
इन्सानियत सबका धर्म होगा ।
सादगी और ईमानदारी का जीवन होगा।
सुहाने सफ़र की सुहानी कहानी
मेहनती हाथों में है ,तकदीर देश की
सबको मिलेगी अपने हक़ की रोटी
नहीं सोयेगा अब कोई भूखा
शिक्षित होगा हर नौजवान ,बच्चा-बच्चा
संस्कृति ,शिक्षा,और कर्मठता का जब रंग चढ़ेगा
स्वर्ग धरा पर आ जायेगा
भारतवर्ष फिर सोने की चिड़िया कहलाएगा।