*निधियाँ*


     * " निधियाँ" *
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 विधियाँ जिनसे मिलती हैं
         निधियाँ  ।
यूँ तो जिन्दगी भर भटकता
है मनुष्य , उलझता ,लड़ता ,मरता
क्या-क्या नहीं करता है मनुष्य
पर नहीं अपनाता सही विधि ।
उच्च संस्कार और नैतिक गुणों का
संग है ,उत्तम विधि ,पाने को
वास्तविक निधि ।
उच्च संस्कार ,नैतिकता , हैं हमारी
वसीयत, प्राप्त हुई विरासत में ।
ये मुल्य नही मूल्यवान धरोहर हैं
जिनसे बनता हमारा जीवन कल्प
सरोवर है ।




आओ अच्छा बस अच्छा सोचें

 आओ कुछ अच्छा सोचें अच्छा करें , अच्छा देखें अच्छा करने की चाह में इतने अच्छे हो जायें की की साकारात्मक सोच से नाकारात्मकता की सारी व्याधिया...