⛈⛈⛈⛈⛈⛈⛈⛈⛈⛈
“तड़फत दिन -रैन
बैरी मन”
कैसी लगन लगा बैठा ये दिल
भी बेचैन...
हारी मैं समझा -समझा ,पर
प्रियतम के विरह में
बरसते दिन -रात नयन💦💦
कहीं ना लगता मन
पागल मन
पलकें भी ना झपकाते नयन “
कहीं से आ जाये उसका सजन...
राह निहारे पल -पल नयन ...
“ मैं द्वार पर थी खड़ी
अचानक ,लगी सावन की झड़ी थी🌧🌧🌧🌧🌧
आँखों में नमी थी💦💦
दिल में कसक थी
आकाश ने काली घटाओं की 🌫🌫
चादर ओढ़ी थी ,
मेघों ने मल्हार जब गाया 🌨☔️
“ जी भर आया ....दिल का दर्द
नयनों से बाहर आया
आकाश भी रोया , जी भर के रोया “🌧⛈🌩🌨
वर्षा की बौछारों में ,
मैंने भी भिगोये , जी भर नयन
अब दिल का बोझ हल्का हुआ
आत्मा का आत्मा से मिलन हुआ
बिन देखे , बिन बोले मेरा तो मिलन हुआ
मेघों ने मल्हार जब - जब गाया ⛈💨🎼🎼🎤🎤
मैंने भी अपना सुर उसके सुर में मिलाया .........🌧🌨🎼🎼🌬🌩☔️☔️🎤🎤
“तड़फत दिन -रैन
बैरी मन”
कैसी लगन लगा बैठा ये दिल
भी बेचैन...
हारी मैं समझा -समझा ,पर
प्रियतम के विरह में
बरसते दिन -रात नयन💦💦
कहीं ना लगता मन
पागल मन
पलकें भी ना झपकाते नयन “
कहीं से आ जाये उसका सजन...
राह निहारे पल -पल नयन ...
“ मैं द्वार पर थी खड़ी
अचानक ,लगी सावन की झड़ी थी🌧🌧🌧🌧🌧
आँखों में नमी थी💦💦
दिल में कसक थी
आकाश ने काली घटाओं की 🌫🌫
चादर ओढ़ी थी ,
मेघों ने मल्हार जब गाया 🌨☔️
“ जी भर आया ....दिल का दर्द
नयनों से बाहर आया
आकाश भी रोया , जी भर के रोया “🌧⛈🌩🌨
वर्षा की बौछारों में ,
मैंने भी भिगोये , जी भर नयन
अब दिल का बोझ हल्का हुआ
आत्मा का आत्मा से मिलन हुआ
बिन देखे , बिन बोले मेरा तो मिलन हुआ
मेघों ने मल्हार जब - जब गाया ⛈💨🎼🎼🎤🎤
मैंने भी अपना सुर उसके सुर में मिलाया .........🌧🌨🎼🎼🌬🌩☔️☔️🎤🎤