" अपने लिये तो सभी जीते हैं,
"जब तक साँस है ,तब तक आस
जिन्दगी का हर वो लम्हा ख़ास है,
जिस लाहे में कुछ ऐसे कर्म कर दिये
जायें जिसमे हम किसी के जीने की
वज़ह बन जाये ,हमारे इस दूनियाँ से चले
जाने के बाद भी हमें याद किया जाता रहे ।"
"ज़िन्दगी भर मैं ख़्वाहिशों का टोकरा भरता रहा ।
एक ख़्वाहिश पूरी हुयी, दूसरी तैयार
ख्वाहिशें तो पूरी ना हुई ,पर साँसों की गिनती
पूरी हो गयी और मैं दुनियाँ से चलता बना ।"
पर जीवन वह सफल है ,जो औरो
के जीने के लिए भी जिया जाये ।"
"जब तक साँस है ,तब तक आस
जिन्दगी का हर वो लम्हा ख़ास है,
जिस लाहे में कुछ ऐसे कर्म कर दिये
जायें जिसमे हम किसी के जीने की
वज़ह बन जाये ,हमारे इस दूनियाँ से चले
जाने के बाद भी हमें याद किया जाता रहे ।"
"ज़िन्दगी भर मैं ख़्वाहिशों का टोकरा भरता रहा ।
एक ख़्वाहिश पूरी हुयी, दूसरी तैयार
ख्वाहिशें तो पूरी ना हुई ,पर साँसों की गिनती
पूरी हो गयी और मैं दुनियाँ से चलता बना ।"