**
*किसी अद्वितीय असीमित,
शक्तिशाली विचार से ही प्रारम्भ
हुआ होगा धरती पर जीवन
विचारों से ही संसार का
अद्भुत नजारा......
विचारों से ही सृष्टि की सभ्यता विकसित
मनुष्य में विद्यमान विचारों ने धरती को खूब
संवारा ......
मेरा तो मानना है कि विचारों की नींव
पर ही टिका ही संसार सारा
विचार ही तो हैं जीवन का आधार ......
जीवन का सार ,विचार ना होते तो तब
कहां सम्भव था धरती पर प्रेम और सौहार्द.....
विचार माना की अद्वितीय शक्तियों का
सार ,शक्ति का आधार ,जैसे मनुष्य जीवन
में प्राण रक्त का संचार,हृदय गति का आधार ....
विचारों के भी दो प्रकार :-
जहां असुर विचार :- संहारक विनाशकारक
सुर विचार शुभ दैवीय विचार :-उत्थान करक
तो क्यों कहते ,शुभ और अशुभ विचार
नकारात्मक और साकारात्मक सोच
जब मनुष्य की सोच ही उसके काम
बनाती और बिगाड़ती है तो विचारों
का ही तो हुआ खेल सारा....
शक्तिशाली विचार से ही प्रारम्भ
हुआ होगा धरती पर जीवन
विचारों का खेल है सारा
विचारों से ही संसार का
अद्भुत नजारा......
विचारों से ही सृष्टि की सभ्यता विकसित
मनुष्य में विद्यमान विचारों ने धरती को खूब
संवारा ......
मेरा तो मानना है कि विचारों की नींव
पर ही टिका ही संसार सारा
विचार ही तो हैं जीवन का आधार ......
जीवन का सार ,विचार ना होते तो तब
कहां सम्भव था धरती पर प्रेम और सौहार्द.....
विचार माना की अद्वितीय शक्तियों का
सार ,शक्ति का आधार ,जैसे मनुष्य जीवन
में प्राण रक्त का संचार,हृदय गति का आधार ....
विचारों के भी दो प्रकार :-
जहां असुर विचार :- संहारक विनाशकारक
सुर विचार शुभ दैवीय विचार :-उत्थान करक
*विचारों के द्वंद्व में उलझा
तब समझा ,विचार शून्य
सब निरर्थक ,निराधार ,
विचार ही जीवन का आधार
विचारों के चयन की ना होती महिमातो क्यों कहते ,शुभ और अशुभ विचार
नकारात्मक और साकारात्मक सोच
जब मनुष्य की सोच ही उसके काम
बनाती और बिगाड़ती है तो विचारों
का ही तो हुआ खेल सारा....