*जीवन है तो संघर्ष है *
यूं तो प्रकृति प्रदत्त सब और सम्पदा है 💐
जीवन को तो जीना है ,क्यों ना फिर
संग-हर्ष जियो ।💐
समय का पहिया घूम रहा है
युग परिवर्तन हो रहा है ।
परिवर्तन प्रकृति का नियम है ।
अविष्कार भी आवश्यकता का कारण है
मानव बुद्धि में उपजे अणुओं ,
मानव की दिव्य आलौकिक बुद्धि
ने दुनियाँ को नये-नये आयाम दिये हैं
आकाश क्या अन्तरिक्ष में भी मानव के
कदम पढ़े है ।
वो चाँद जिसकी खूबसूरती को मनुष्य निहारता है
गजलें और नग़मे बनाता है ,जिस चाँद को देख महिलाएं
व्रत उपवास पूर्ण करती हैं ,उस चाँद पर जाकर वैज्ञानिक
सत्य परख आया है ।💐
मनुष्य का जीवन प्रग्रति यानि आगे बढ़ते रहने का नाम है
रुक गया तो थम गया
जीवन का अन्त हो गया ,संघर्ष जीवन का मंत्र है ।
खुशहाल जीवन का यंत्र है ।💐💐💐💐