😊भीड़ 🌟
“भीड़ बहुत भीड़ है ,
मैं जानता हूँ ,मैं भी
भीड़ का ही हिस्सा हूँ
पर मैं चाहता हूँ ,
मैं भीड़ ,में रहूँ
पर भीड़ मुझमें ना रहे
भीड़ में “मैं” अपनी अलग
पहचान बनाना चाहता हूँ ।
भीड़ में अजनबी , अकेला बनकर
रहना मुझे मंज़ूर नहीं ......
मैं भीड़ संग भीड़ को अपनी पहचान बनाना चाहता हूँ
मैं भीड़ में एक सितारा बनकर चमकना चाहता हूँ “
बहुत खूब 👌
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर...
जवाब देंहटाएंधन्यवाद ज्योति जी
हटाएंअपनी पहचान जरूरी है खुद के एहसास के लिए भी ... वर्ना भीड़ तो सब हैं ही ...
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