☺**शिक्षा, सभ्यता ,और आधुनिकता,
शिक्षा है, तो सभ्यता आयी ,सभ्यता आयी तो आधुनिकता बड़ी।।*
☺आज की युवा पीढ़ी शिक्षित हुयी
शिक्षा के संग सभ्यता आना स्वभाविक है
उत्तम संजोग है ,सभ्यता ,तरक्की,और उन्न्ति की ऊँचाइयाँ छूना ।👍
क्या सभ्यता ,सिर्फ अत्यधिक धनोपार्जन और ब्रेंडड
वस्त्रों तक सीमित है ।
आधुनिकता की दौड़ में सब दौड़ रहे है
लाभ के लोभ में ,संस्कारों की हानि का कोई
लाभ के लोभ में ,संस्कारों की हानि का कोई
खेद नहीं।।
💐सभ्यता के सही मायने ही नहीं ज्ञात
अत्यधिक धनोपार्जन करना ही ,मात्र
तरक्की का सूचक नहीं ।☺
वातानुकूलित कक्ष में बैठकर कोट,पेन्ट,टाई पहनकर
रौब दार रवैया अपनाने को ही ,
आधुनिकता ,और सभ्यता की पहचान माना जाने लगा है
हाँ सत्य है सुविधाएं बढ़ना प्रग्रति का सूचक है ।
परन्तु सुविधाओं की आड़ में आधुनिकता
के प्रदर्शन में अपनी संस्कृति को भूल जाना
छोटों को प्यार,स्नेह,बड़ों का आदर करना भूल जाना
ऐसी सभ्यता किस काम की ।
हाँ सत्य है सुविधाएं बढ़ना प्रग्रति का सूचक है ।
परन्तु सुविधाओं की आड़ में आधुनिकता
के प्रदर्शन में अपनी संस्कृति को भूल जाना
छोटों को प्यार,स्नेह,बड़ों का आदर करना भूल जाना
ऐसी सभ्यता किस काम की ।
सभ्यता यानि ,आचरण की सभ्यता ,
विचारों की विनम्रता ,शिक्षा और सभ्यता एक दूसरे के पूरक हैं ,सच्ची शिक्षा तभी सार्थक है ,जब वह सभ्य आचरण के साथ फलती फूलती है ।।
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विचारों की विनम्रता ,शिक्षा और सभ्यता एक दूसरे के पूरक हैं ,सच्ची शिक्षा तभी सार्थक है ,जब वह सभ्य आचरण के साथ फलती फूलती है ।।
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बहुत ही उत्तम ....उम्दा प्रस्तुति ।
जवाब देंहटाएंसही कहा ...सच्ची शिक्षा तभी सार्थक है जब वह सभ्य आचरण के साथ फलती फूलती है...
शिक्षा और संस्कृति पर आपकी सार्थक प्रस्तुति। बधाई ऋतु जी।
जवाब देंहटाएंआभार रविन्दर जी
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