बहाने बाजी से बचिये *
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सामने पहाड़ है , या गहरी खायी है,पहाड़ को हम
हटा नहीं सकते ,खायी में हम कूद नहीं सकते ।
रास्ते हमे बनाने हमें किस तरह बनाने है
ये हमारी सोच, और मेहनत है।
**जब हम रास्ते पर चलते हैं ।
तो टेढ़े-मेढे ,ऊँचे-नीचे सीधे सपाट
हर तरह के मोड़ आते हैं ,जिन्दगी में
परन्तु हमें उनपर चलना पड़ता है ।
रास्तों के बहाना बनाकर रुकना यानि
हम मानसिक रूप से कमजोर हैं ,बहाने बाजी
का बहाना बना रहे हैं।
मेहनत हम स्वयं नही करते और दोषारोपण
दूसरों पर करते हैं ।
इसलिये उठिये बहानेबाजी छोड़िये
अपनी असफलता का दोषारोपण किसी
किसी दूसरे पर करने से बचें ।।
ढूंढिये कमी कहाँ है ।
और उस कमी को दूर करके अपनी किस्मत
के केनवास में रंग खुद भरिये ।**
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सामने पहाड़ है , या गहरी खायी है,पहाड़ को हम
हटा नहीं सकते ,खायी में हम कूद नहीं सकते ।
रास्ते हमे बनाने हमें किस तरह बनाने है
ये हमारी सोच, और मेहनत है।
**जब हम रास्ते पर चलते हैं ।
तो टेढ़े-मेढे ,ऊँचे-नीचे सीधे सपाट
हर तरह के मोड़ आते हैं ,जिन्दगी में
परन्तु हमें उनपर चलना पड़ता है ।
रास्तों के बहाना बनाकर रुकना यानि
हम मानसिक रूप से कमजोर हैं ,बहाने बाजी
का बहाना बना रहे हैं।
मेहनत हम स्वयं नही करते और दोषारोपण
दूसरों पर करते हैं ।
इसलिये उठिये बहानेबाजी छोड़िये
अपनी असफलता का दोषारोपण किसी
किसी दूसरे पर करने से बचें ।।
ढूंढिये कमी कहाँ है ।
और उस कमी को दूर करके अपनी किस्मत
के केनवास में रंग खुद भरिये ।**
खुद ही अपनी किस्मत को अपना रास्ता बनाना होता है ... यदि हम बहाना बना कर बैठेंगे तो बैठे ही रहेंगे ...
जवाब देंहटाएंबहानेबाजी से बच कर ही सफलता हासील की जा सकती है।
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
हटाएंजी ज्योति जी आप सही कह रही हैं।
हटाएंबहुत ही अनमोल व शिक्षापरक विचार आदरणीय ऋतु जी ,सत्य कहा आपने गलतियाँ निकालने से कुछ भी नहीं होगा हमें स्वयं पहल करनी होगी आभार। "एकलव्य"
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
हटाएंजी एकलव्या जी आपने सही कहा ...
हटाएंबहानेबाजी से बचना होगा
जवाब देंहटाएंसचेत करती पोस्ट
सादर
आभार खरे जी ,शुक्रिया ।
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