***माना की मोबाइल आधुनिक जीवन की बहुत बड़ी आव्यशकता और उपयोगी भी है। परन्तु इसका दिन-रात आव्यशकता से अधिक उपयोग मानव को एक लत के रूप में लग रहा है।
माना कि इनटरनेट से सब जानकारी मिलती है ,पर जब से इंटरनेट का उपयोग अधिक बढ़ गया है ,तब से मनुष्य ने अपने दिमाग़ का उपयोग करना कम कर दिया है ,जो मनुष्य की सृजनात्मक शक्ति को श्रीण कर रहा है ।
*समय रहते इस मोबाइल नाम की लत से छुटकारा नहीं मिला तो एक दिन मनुष्य
मानसिक तौर पर अकेला और अपंग हो जायेगा ।*
माना कि इनटरनेट से सब जानकारी मिलती है ,पर जब से इंटरनेट का उपयोग अधिक बढ़ गया है ,तब से मनुष्य ने अपने दिमाग़ का उपयोग करना कम कर दिया है ,जो मनुष्य की सृजनात्मक शक्ति को श्रीण कर रहा है ।
*समय रहते इस मोबाइल नाम की लत से छुटकारा नहीं मिला तो एक दिन मनुष्य
मानसिक तौर पर अकेला और अपंग हो जायेगा ।*
ये एक गहरी समस्या है ... और इससे छुटकारा भी खुद ही पाना है जो आसान नहीं दीखता ...
जवाब देंहटाएंसही कहा नवासा जी मोबाइल का उपयोग एक तरफ हम सब के लिये लाभकारी साबित हुआ है ,परन्तु एक लत की तरह इससे पीछा ही नही छूटता ।
जवाब देंहटाएंसही कहा नवासा जी मोबाइल का उपयोग एक तरफ हम सब के लिये लाभकारी साबित हुआ है ,परन्तु एक लत की तरह इससे पीछा ही नही छूटता ।
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