श्री कृष्ण जन्मोत्सव का पर्व ......
मंदिरों में जगह -जगह श्री कृष्ण जन्मोत्सव की तैयारियां पूरी जोरों पर थीं।
बाल गोपाल श्री कृष्ण जन्म के पर्व के लिए बाजारों में सुन्दर -सुन्दर लड्डू गोपाल उनके झूलने के लिए सुन्दर झूले, आकर्षक वस्त्र ,बांसुरीयां मोर पंख आदि सज -सज्जा के सामान सजे हुए थे ,मन तो करता था सब ले लो ,परंतु हमने अपनी आव्यशकता अनुसार सुन्दर-सुन्दर सामान ले लिया था ।
इसी दौरान हमारा हमारे घर के समीप वाले श्री कृष्ण भगवान के मंदिर जाना हुआ... मंदिरों में भी श्री कृष्ण जी के जन्म उत्सव की खूब तैयारियां चल रही थी कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों पर चर्चा चल रही थी ,हम भी थोड़ी देर के लिए उस चर्चा को सुनने लगे ।
तभी एक महिला अपना दुखड़ा रोने लगी ,कहने लगी पंडित जी मैं बहुत परेशान हूं ,मेरी सास को मेरा कोई काम पसंद नहीं आता बस टोकती रहती है ,मेरा पति भी बहुत गुस्से वाले स्वभाव के हैं ।
पंडित जी कुछ उपाय बताईए जिससे मेरी परेशानी दूर हो।
पंडित जी मुस्कराए और बोले ,बेटी तुम क्या दुःखी होगी तुमसे ज्यादा दुखी और लोग भी है इस दुनियां में ...
हमेशा दुख का रोना रोने से दुख कम नहीं होता ,तुम्हारी परेशानी का कारण ढूंढों और थोड़ी समझदारी और स हन शीलता से काम लो सब ठीक हो जाएगा
कल कृष्ण लाला का जन्म दिवस है ,तैयारी करो .... और सुनो तुम कहती हो परेशानी श्री कृष्ण जन्म की कहानी किसको नहीं पता श्री कृष्ण भगवान ने तो जन्म से ही परेशानियां देखी
श्री कृष्ण का जन्म हुआ करावास में...
रात्रि के बारह बजे घोर अन्धकार वर्षा जमुना जी का जल स्तर खतरे के निशान से ऊपर .....
मां यशोदा की गोद मिली .... नंदलाला के यहां भी कंस द्वारा कई तरह से और कई प्रकार से कृष्ण को मारने के प्रयास किए गए.... जिसका जीवन ही खतरे में हो उसका क्या कम परेशानियों से घिरा होगा ,परंतु कृष्ण ने कभी शिकायत नहीं की हर चुनौती का अपनी आत्मशक्ति बल, बुद्धि कौशल से हल निकाला ..... बेटी सुख- दुख तो जीवन का हिस्सा है ,इनसे बचा नहीं जा सकता ,बल्कि जो विवेक पूर्वक चलता है ,उसका जीवन सफल होता है । वो महिला बोली पंडित जी धन्यवाद आपने मेरी आंखें खोल दी ,मुझे घर जाकर तैयारियां भी करनी है *****कृष्नलाला का जन्म दिवस भी है बहुत काम है ।आप सबको श्री कृष्ण जन्माष्टमी की बधाई एवम् शुभ कामनाएं ......**********