" ये कौन चित्रकार है "
सच मे प्रकृति का चित्रकार स्वयं
कितना सुन्दर होगा ।जिसने प्रकृति को
इतना सुन्दर रूप दिया है ।
विशाल पर्वत,वृक्ष नादियाँ,झरने
अन ,जल, पुष्प जड़ी -बूटियाँ
और मौसम के विभिन्न अवतार
सच में ये कौन चित्रकार है ,
ग्रीष्म की उषणता से राहत दिलाने आया है ,
मौसम सावन का प्रकृति आनन्दित है ,
प्रफुल्लित पुलकावली ,मेघ मल्हार गा रहे
प्रकृति स्वयं अपना श्रृगार कर रही ।
बादल भी आँख मीचौली कर रहे ,
धरती पर अपना बसेरा कर रहे
फिर फिर छम छमा छम बरस रहे
सच मे प्रकृति का चित्रकार स्वयं
कितना सुन्दर होगा ।जिसने प्रकृति को
इतना सुन्दर रूप दिया है ।
विशाल पर्वत,वृक्ष नादियाँ,झरने
अन ,जल, पुष्प जड़ी -बूटियाँ
और मौसम के विभिन्न अवतार
सच में ये कौन चित्रकार है ,
ग्रीष्म की उषणता से राहत दिलाने आया है ,
मौसम सावन का प्रकृति आनन्दित है ,
प्रफुल्लित पुलकावली ,मेघ मल्हार गा रहे
प्रकृति स्वयं अपना श्रृगार कर रही ।
बादल भी आँख मीचौली कर रहे ,
धरती पर अपना बसेरा कर रहे
फिर फिर छम छमा छम बरस रहे