जगमगाने दो दिलों में प्रेम के दीपक
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त्यौहार हमारे जीवन में हर्सोल्लास भर देते हैं
एक नयी उमँग, नयी तरंग,
और कुछ प्रेरक सन्देश ।
दुल्हन सी सजी है धरती
दीपों के प्रकाश से प्रकाशित
धरा का कोना कोना है ।
स्वागत में श्री विष्णु लक्ष्मी के
मन्दिर घर, आँगन, का स्वर्णिम रूप
सलोना है।
हर्षोल्लास की उमँग, तरंग है।
मिष्ठानों के उपहार बंट रहे,
खुशियों की सुन्दर रंगोली सजी है ।
काश ये वक्त ,यही थम जाये
दिलों में परस्पर प्रेम का प्रकाश जगमगाये
द्वेष,वैर,ईर्ष्या का अन्धकार मिट जाये
अबकी बार ऐसी दिवाली आये दिलों से
रिश्तों की कड़वाहट मिट जाये ।।
आपसी प्रेम का प्रकाश जगमगाये
प्रेम के प्रकाश का चहुँ और उजियारा जगमगाये ।
क्षणिक आतिशबाजी की जगमगाहट हो
पर ना पटाकों की आग,की अन्धाधुन्ध बरसात हो पर्यावरण में ना दूषित धुएँ की हवाएँ हो ।
अबकी बार सुरक्षित ,शुद्ध ,समृद्ध दीपावली हो ।।
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त्यौहार हमारे जीवन में हर्सोल्लास भर देते हैं
एक नयी उमँग, नयी तरंग,
और कुछ प्रेरक सन्देश ।
दुल्हन सी सजी है धरती
दीपों के प्रकाश से प्रकाशित
धरा का कोना कोना है ।
स्वागत में श्री विष्णु लक्ष्मी के
मन्दिर घर, आँगन, का स्वर्णिम रूप
सलोना है।
हर्षोल्लास की उमँग, तरंग है।
मिष्ठानों के उपहार बंट रहे,
खुशियों की सुन्दर रंगोली सजी है ।
काश ये वक्त ,यही थम जाये
दिलों में परस्पर प्रेम का प्रकाश जगमगाये
द्वेष,वैर,ईर्ष्या का अन्धकार मिट जाये
अबकी बार ऐसी दिवाली आये दिलों से
रिश्तों की कड़वाहट मिट जाये ।।
आपसी प्रेम का प्रकाश जगमगाये
प्रेम के प्रकाश का चहुँ और उजियारा जगमगाये ।
क्षणिक आतिशबाजी की जगमगाहट हो
पर ना पटाकों की आग,की अन्धाधुन्ध बरसात हो पर्यावरण में ना दूषित धुएँ की हवाएँ हो ।
अबकी बार सुरक्षित ,शुद्ध ,समृद्ध दीपावली हो ।।