*दोहे संस्कृति और सभ्यता*

*भारतीय संस्कृति
का घोर पतन
देवालय बंद
मदिरालय खुले *

*लोभ का प्रचण्ड
तांडव नशे में
धुत मानव*

*चूल्हा ठंडा
बाल नयन अश्रु
भोजन ताकते चक्षु*

*उच्च संस्कारों की
धरती पर नग्न नृत्य
हाय! निंदनीय
संस्कृति का चीरहरण*

 *आधुनिकता के नाम पर
सभ्यता का ढोंग
मनुष्यता को लगाते
भद्दा दाग  *

2 टिप्‍पणियां:

  1. आधुनिकता के नाम पर
    सभ्यता का ढोंग
    मनुष्यता को लगाते
    भद्दा दाग
    बिल्कुल सही और सुंदर अभिव्यक्ति, रितु।

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