Ritu Asooja Rishikesh , जीते तो सभी है , पर जीवन वह सफल जो किसी के काम आ सके । जीवन का कोई मकसद होना जरूरी था ।परिस्थितियों और अपनी सीमाओं के अंदर रहते हुए ,कुछ करना था जो मेरे और मेरे समाज के लिए हितकर हो । साहित्य के प्रति रुचि होने के कारण ,परमात्मा की प्रेरणा से लिखना शुरू किया ,कुछ लेख ,समाचार पत्रों में भी छपे । मेरे एक मित्र ने मेरे लिखने के शौंक को देखकर ,इंटरनेट पर मेरा ब्लॉग बना दिया ,और कहा अब इस पर लिखो ,मेरे लिखने के शौंक को तो मानों पंख लग
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आओ अच्छा बस अच्छा सोचें
आओ कुछ अच्छा सोचें अच्छा करें , अच्छा देखें अच्छा करने की चाह में इतने अच्छे हो जायें की की साकारात्मक सोच से नाकारात्मकता की सारी व्याधिया...
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इंसान होना भी कहां आसान है कभी अपने कभी अपनों के लिए रहता परेशान है मन में भावनाओं का उठता तूफान है कशमकश रहती सुबह-शाम है ब...
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*******चिराग था फितरत से जलना मेरी नियति मैं जलता रहा पिघलता रहा जग में उजाला करता रहा ...
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पलक नहीं झपकती जी चाहता है निरंतर होता रहे सुन्दर प्रकृति का दीदार आरती का थाल लाओ नजर लूं उतार प्रकृति क्या खूब किया है तुमने वसुन्धरा क...
स्वर्ग सी अनुभूति
जवाब देंहटाएंजादुई एहसास सिर्फ
प्रसन्नता ही प्रसन्नता
अक्लपनिय ,अद्भुत दुनियां
क्षण भर की सही
बेहतरीन बस बेहतरीन.... वाह अद्भुत रचना ऋतु जी
Ji aabhar Abhilasha ji
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