“काग़ज़ की कश्ती “

🎉” अच्छा हुआ कोई दिल की 🎉”
सुनने वाला नहीं मिला
जो दिल में आया वो
काग़ज़ पर लिख दिया
जो लिख दिया तो,सबने
पढ़ लिया “

“ सबने कहाँ तुमने तो हमारे दिल
का हाल लिख दिया
मैंने तो अपने दिल का हाल लिखा था
सबके दिल का फसाना
आशिके तराना एक ही सा था .....
सबका सवाल एक ही था ......
विचारों का तूफ़ान भी एक ही था ....
फिर सबने मिल बैठ कर अपने दिल का .....
बोझ हल्का कर लिया “🎉🎉🎉

“काग़ज़ की कश्ती बनायीं
स्याही में क़लम डुबाई
दिल की बात शब्दों के
माध्यम से विचारों में परिवर्तित
हो आख़िर दिल से बाहर आयी
सभी उस कश्ती में सवार थे जो थी
मैंने बनायीं “


8 टिप्‍पणियां:

  1. मैंने तो अपने दिल का हाल कहा था
    सबका सवाल एक ही था
    विचारों का तूफ़ान भी एक ही था
    फिर सबने मिल बैठ कर अपने दिल का
    बोझ हल्का कर लिया ....

    बहुत ही प्रभावशाली रचना। साधुवाद स्वीकार करें।

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  2. रितू, दिल तो दिल ही होता हैं न चाहे वह किसी का भी हो। हर दिल को प्यार ही चाहिए। सुंदर प्रस्तूति।

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    1. आदरणीय ज्योति जी सही कहा वास्तव में हर दिल सच्चे प्यार की चाह रखता है ।
      Happy friendship day

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  3. दिल की बातें कोई सुने न सुने काग़ज़ में उतारो तो वो कुछ नहि कहते ... बल्कि कश्ती के सहारे समुन्दर में उतर भी जाएँ ...

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  4. आदरणीय आप सत्य कह रहे हैं
    मित्रता दिवस की शुबकामनायें

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  5. “काग़ज़ की कश्ती बनायीं
    स्याही में क़लम डुबाई

    शानदार लाइन हैं बधाई......

    जवाब देंहटाएं

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