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नियमाते ज़िन्दगी में लुटाता है ,वो हर पल
ए मानव तुम सही राह तो चलो ,
रास्ते मुश्किल ही सही ,
मंज़िल पर पहुँचाता है वो ही
वो हमारे हर प्रयास में
हमारे विश्वास में है
हर मुश्किल हालात में है
मंज़िल दूर सही ,पर नामुमकिन
कुछ भी नहीं ,
चाँद पर पहुँचाता है वो ही
अन्तरिक्ष में नक्षत्र गिनवाता है वो ही
तू थोड़ा विश्वास तो रख
तेरे अन्दर से आवाज़ लगाता है वो ही
धरती पर आया है ,तो जीवन सुधार
मत रो - रो कर जीवन गुज़ार
तुम धरती पर जीवन का आधार हो
अपने जीवन को सुधार तो सही
ये धरती हम मनुष्यों की है
इस धरती पर मनुष्य जीवन को सँवार तो सही ।
विश्वास की डोर को थाम तो सही।
नियमाते ज़िन्दगी में लुटाता है ,वो हर पल
ए मानव तुम सही राह तो चलो ,
रास्ते मुश्किल ही सही ,
मंज़िल पर पहुँचाता है वो ही
वो हमारे हर प्रयास में
हमारे विश्वास में है
हर मुश्किल हालात में है
मंज़िल दूर सही ,पर नामुमकिन
कुछ भी नहीं ,
चाँद पर पहुँचाता है वो ही
अन्तरिक्ष में नक्षत्र गिनवाता है वो ही
तू थोड़ा विश्वास तो रख
तेरे अन्दर से आवाज़ लगाता है वो ही
धरती पर आया है ,तो जीवन सुधार
मत रो - रो कर जीवन गुज़ार
तुम धरती पर जीवन का आधार हो
अपने जीवन को सुधार तो सही
ये धरती हम मनुष्यों की है
इस धरती पर मनुष्य जीवन को सँवार तो सही ।
विश्वास की डोर को थाम तो सही।
सही लिखा है ...
जवाब देंहटाएंविश्वास हो तो हर राह आसान हो जाती है ... प्राकृति की पोसिटिव एनर्जी उसका साथ देती है ... अच्छी रचना .।.
जी दिगम्बर नवसा जी एक अच्छी टिप्पणी देने के लिये
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