वक़्त लौटता है*
धारावाहिक सीरियल रामायण 1987में जब पहले दूरदर्शन पर प्रसारित हुआ था उस समय रामायण देखने के लिए भारत वर्ष के सभी अपने जरूरी काम छोड़कर ,यहां तक की सड़कों पर यातायात भी यदाकदा रामायण धारावाहिक देखने के लिए जहां टेलीविजन पर रामायण चल रहा हो रुक जाता था ...... आज समय ने कैसी करवट ली ,आज वैश्विक संक्रमण के कारण भारत के लोग अपने -अपने घरों में रुके हैं ...... और आज इस समय में रामानंद निर्देशित रामायण सीरियल फिर से दिखाया जा रहा है ,कौन कहता है प्रतिफल नहीं मिलता
(कल जिनके लिए हम रुके थे, आज हम रुके हैं तो वो हमारे लिए चल पड़े ) उदाहरणार्थ *रामायण ,महाभारत*

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