*ऊंचाइयों पर पहुंचेगा अवश्य
आचरण की सभ्यता का संग
जीवन में श्रेष्ठ विचारों का रंग
सत्य और सरलता की मशाल
विश्वास की डोर थाम ...
कहीं समतल,कहीं खाई 
कहीं जंगल तो कहीं विशाल 
पर्वत चट्टानों सी अडिग 
बाधाओंं की जंजीरों की बेड़ियां 
पत्थरों की ठोकरों से 
लहूलुहान तुम हार मत जाना 
नकारात्मकता के अंधेरे में 
घिर मत जाना 
सकारात्मकता की ज्योत से 
अडिग निडर हर 
बाधा से लड़ जाना 
तेरे परिश्रम का फल तू एक दिन 
अवश्य पाएगा श्रेष्ठ विचारों की पूंजी से 
तेरा जीवन सर्वत्र पूजा जायेगा ।
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