*बेटियां *


  बेटियां इन कलियों की

अहमियत तो उन बागवानों से पूछो ,

जिन बागों में यह खिलती हैं



घर आंगन महकाती हैं 

रौनकें बढ़ाती हैं 

बेटियां दो घरों की आन-बान 

और शान होती हैं

 एक घर की जड़ों में 

फलती -फूलती और संस्कारित होती है 

दूजे घर की इज्जत नींव और जड़ों को पोषित करने की जिम्मेदारियां निभाती हैं 

बेटियां एक नहीं दो -दो घरों की रौनक और शान बढ़ाती हैं ।

बेटे वंशज होते हैं तो

बेटियां उपजाऊ धरती होती हैं 

भूमिका में दोनों की अहमियत सामान होती है ।




2 टिप्‍पणियां:

  1. सच है दोनों का अपना महत्त्व है ... कोई किसी से कम नहीं ...
    और बेटियाँ ज्यादा विशेष होती हैं ...

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