यकीन

  **  मैं अपने कर्मों को इतनी ईमानदारी  

     लगन और पूर्ण निष्ठा से करता हूं, कि

     इतना तो मुझे यकीन है कि,

     जीत हो या हार मुझे फ़र्क नहीं पड़ता 

     परंतु मेरे कर्म कहीं ना कहीं किसी की

     मनः स्थिति पर सकारात्मक प्रभाव

    डालने में अवश्य सफ़ल होंगे ।

   

1 टिप्पणी:

  1. निष्ठां इमानदारी से लिए कर्म हमेशा सकारात्मक प्रभाव छोड़ते हैं ....
    सही लिखा है आपने ...

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