विरासत की संपत्ति

**विरासत की संपत्ति***
     मेरे देश की संस्कृति अदभुत अमूल्य
     अतुलनीय है
     भारत भूमि के आभा मंडल में
     अद्भुत ,अद्वितीय संस्कारों रूपी रत्नों
     की भरमार है ,बाल्मीकि ,कालिदास
     सूरदास , एकलव्य ,ध्रुव ,कबीर आदि
      इसके उदाहरण हैं
  * मेरे देश की संस्कृति के तो क्या कहने
     यहां विरासत में उच्च संस्कारों
     वाली शिक्षा
     का धन दिया जाता है
     यह धन अमूल्य है
     और यह कभी नष्ट नहीं होता ।
     मेरे देशवासियों के  हौसलें     
     तूफानों और आंधियों में
     और बुलंद हो जाते हैं
     उच्च विचारों की संपत्ति से
     चहरे पर स्वाभिमान ,और
     आत्म    विश्वास
     की चमक आ जाती है ।
     नहीं सीखा हमनें विचारों में
      जहर घोलना
     हम हिन्दुस्तानी आतंक की जहरीली
     खेती नहीं करते ,परंतु जो जहर
     फैलाते हैं उन्हें जड़
     से उखाड़ फैंकते हैं ।
     हम उस देश के वासी हैं जहां नदियों
     में अमृत बहता है , वृक्षों और,पर्वत भी
     पूजे जाते हैं
     यज्ञ की अग्नि को साक्षी मान
     जब -जब पूर्ण श्रद्धा से आहुतियां
     डाल स्वाहा किया जाता है
     तब -तब बुराई का
     अंत निश्चित ही नहीं सुनिश्चित हो
     जाता है।

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