आओ बच्चों इस *बाल दिवस*पर
एक प्रण निभायें,चलो साईकिल चलाये
सिर्फ बाल दिवस ही नहीं ,
प्रतिदिन का यह नियम बनाये
** साईकिल चलायें**
साईकिल को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं।
**हाथ हों हैण्डल पर
पैर हों पैंडल पर
दृष्टि हो, चहुँ ओर,
आओ जीवन की
रफ़्तार बढ़ायें ।
तन-और मन को स्वस्थ बनायें
शुद्ध वातावरण में श्वासों की पूंजी बढ़ायें
पेट्रोल, डीज़ल की जहरीली गैसों से
वायुमण्डल को प्रदूषित होने से बचाएं।
*परमात्मा ने यह धरती हम मनुष्यों
के रहने के लिये बनायी ,और हम मनुष्यों ने
अपने लोभ और स्वार्थ में इस धरती का
हाल बुरा कर दिया।
आओ बच्चों ,धरती माँ को प्रदूषण मुक्त बनायें
धरा को स्वर्ग सा सुन्दर, बनायें
पुष्पों की कतारें सजाये,
फलों के वृक्ष लगायें ,
खेतों में पौष्टिक अनाज की पौध लगायें
प्राकृतिक व्यायाम के साधन अपनायें,
व्यायामों को महँगे खर्च से छुटकारा पायें
आओ तन-मन और वायुमण्डल को स्वस्थ बनाये
आओ साईकिल को अपने दिनचर्या का
महत्वपूर्ण हिस्सा बनाये ।
प्राकृतिक व्यायाम के साधन अपनायें,
व्यायामों को महँगे खर्च से छुटकारा पायें
आओ तन-मन और वायुमण्डल को स्वस्थ बनाये
आओ साईकिल को अपने दिनचर्या का
महत्वपूर्ण हिस्सा बनाये ।
बहुत मददगार रचना.
जवाब देंहटाएंAabhar
जवाब देंहटाएंव्यायामों को महँगे खर्च से छुटकारा पायें
जवाब देंहटाएंआओ तन-मन और वायुमण्डल को स्वस्थ बनाये
आओ साईकिल को अपने दिनचर्या का
महत्वपूर्ण हिस्सा बनाये ।
बहुत बढिया।
जी ज्योति जी रचना पढ़ने और सरहाने के लिये धन्यवाद
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