** विचारों की खेती**

 
 *****आजकल मैं विचारों की खेती करता हूँ ।
 शब्दों के बीज बोते रहता हूँ ।

 कई क्यारियाँ बन गयी हैं 💐
 उनमे अब फ़सल लहलहाने लगी है ।💐💐

किसी क्यारी में ,कविताएं हैं ,किसी मैं कहानियाँ ,
किसी मे गज़ल ,किसी में कोई लेख, आदि हैं।

बाग हरा-भरा हो गया है ,कभी कविता गुनगुनाती है ,
कभी कोई कहानी मुस्कराती है ।

जिन्दगी बड़ी शान से बीत रही है ।
किसी का मनोरंजन हो रहा है
किसी को प्रेरणा मिल रही है ।

किसी की उदासीनता दूर हो रही है
मैं खुश हूँ, मेरे विचारों की खेती फल-फूल रही है ।।


4 टिप्‍पणियां:

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