" नहीं सीखनी मुझे होशियारी"
** ** **
दुनियाँ में जब आये थे
हम तो सीधे -साधे भोले भाले थे ।
अब दुनियाँ में रहकर जाने
क्या -क्या सीख गये अभी
भी दुनियाँ वाले कहते हैं
तुम तो कुछ जानते नहीं ।
हाँ नहीं जानना मुझे कुछ भी
दूनियाँ सब मूखोटे पहने हैं ।
चेहरे से भोले पर ,पेशे से लुटेरे हैं ।
नहीं सीखनी मुझे झूठ की बोली
नहीं जीतना किसी को फरेब से
मै अनाड़ी ही सही पर हूँ जीवन
का सच्चा खिलाड़ी , प्रेम की सीधी
पटरी पर ही चलती रहे अपनी गाड़ी।
मैं जैसा हूँ,मुझे रहना है वैसा ही
मैं अनाड़ी , मै भिखारी ,अपनी
सबसे यारी ।
नहीं सीखनी मुझे होशि यारी
किस काम की वो होशियारी
जिसमें अपनो के ही सीने
पर चलादें हम आरी ।
नहीं सीखनी मुझे होशियारी ।
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दुनियाँ में जब आये थे
हम तो सीधे -साधे भोले भाले थे ।
अब दुनियाँ में रहकर जाने
क्या -क्या सीख गये अभी
भी दुनियाँ वाले कहते हैं
तुम तो कुछ जानते नहीं ।
हाँ नहीं जानना मुझे कुछ भी
दूनियाँ सब मूखोटे पहने हैं ।
चेहरे से भोले पर ,पेशे से लुटेरे हैं ।
नहीं सीखनी मुझे झूठ की बोली
नहीं जीतना किसी को फरेब से
मै अनाड़ी ही सही पर हूँ जीवन
का सच्चा खिलाड़ी , प्रेम की सीधी
पटरी पर ही चलती रहे अपनी गाड़ी।
मैं जैसा हूँ,मुझे रहना है वैसा ही
मैं अनाड़ी , मै भिखारी ,अपनी
सबसे यारी ।
नहीं सीखनी मुझे होशि यारी
किस काम की वो होशियारी
जिसमें अपनो के ही सीने
पर चलादें हम आरी ।
नहीं सीखनी मुझे होशियारी ।
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