धरती पर इन्सानों का भागवान
मेरे देश का किसान अन्नदाता
तू अन्नदाता फिर भी तेरा क्यों
कमतर है ,सम्मान प्रकृति की
मार भी तुझे सहनी पड़ती है।
कभी तन को झुलसा देने वाली गर्मी ,
कहीं बाड़ का प्रकोप ,कभी सूखे का कहर
जो अन्नदाता है उसे ही अपने परिवार की जीविका
के लिए पीना पड़ता है ज़हर
और कभी सूली पर लटक
देता है प्राण ।।।
मेरे देश का किसान अन्नदाता
तू अन्नदाता फिर भी तेरा क्यों
कमतर है ,सम्मान प्रकृति की
मार भी तुझे सहनी पड़ती है।
कभी तन को झुलसा देने वाली गर्मी ,
कहीं बाड़ का प्रकोप ,कभी सूखे का कहर
जो अन्नदाता है उसे ही अपने परिवार की जीविका
के लिए पीना पड़ता है ज़हर
और कभी सूली पर लटक
देता है प्राण ।।।
हाय मेरे देश का किसान
सर्वप्रथम किसानो दो को उच्चतम स्थान
उन जैसा नहीं कोई महान
मै दिल से करती हूँ तेरा सम्मान ।
सर्वप्रथम किसानो दो को उच्चतम स्थान
उन जैसा नहीं कोई महान
मै दिल से करती हूँ तेरा सम्मान ।
ऐ किसान तू नहीं कोई साधारण इन्सान
तू अन्नदाता है ,इस सृष्टि का भगवान ।
तू अन्नदाता है ,इस सृष्टि का भगवान ।
तू तपति दोपहरी में खेतों मे काम करता है
सूखी रोटी ,तन पर एक वस्त्र अभावों में अक्सर
तेरा जीवन गुजरता है।
सूखी रोटी ,तन पर एक वस्त्र अभावों में अक्सर
तेरा जीवन गुजरता है।
अपनी आजीविका चलाने को, अपने और अपने परिवार
को दो रोटी खिलाने को तू ,न जाने कितनों के पेट भरता है ऐ किसान।
को दो रोटी खिलाने को तू ,न जाने कितनों के पेट भरता है ऐ किसान।
ऐ मेरे देश के किसान ,तू महान है ।
तेरा क्या सम्मान करूँ ।तू स्वयं ही सम्माननीय ।
तेरा क्या सम्मान करूँ ।तू स्वयं ही सम्माननीय ।
परमात्मा ने अपने ही कुछ दूतों को धरती पर किसान बनाकर भेजा होगा ।
नहीं तो यहाँ तो सबको अपने -अपने पेटों की पड़ी है ।
नहीं तो यहाँ तो सबको अपने -अपने पेटों की पड़ी है ।
किसानों का सम्मान करो ,भारत एक कृषि प्रधान देश है अभिमान करो।
किसान नहीं होंगे तो ,भोजन कहाँ से लाओगे
क्या ? ईंट ,पत्थर ,रेता ,बजरी ,चबाओगे ।
किसान नहीं होंगे तो ,भोजन कहाँ से लाओगे
क्या ? ईंट ,पत्थर ,रेता ,बजरी ,चबाओगे ।
आपकी यह रचना बहुत ही अच्छी है। मुझे बहुत अच्छी लगी। कल मैं एक पोस्ट अपने ब्लाग पर पब्लिश करने वाला हूं, जो आपकी जानकारी बढ़ाने में शायद आपकी मदत कर सकती है। आज भी एक पोस्ट डाली है, जो ज्ञानवर्धक और रोचक है। वैसे आपकी यह पोस्ट कुछ बड़ी दिखाई पड़ रही है। जोकि बहुत अच्छी बात है।
जवाब देंहटाएंजमशेद जी बहुत ही महत्वपूर्ण जानकारी के लिए
जवाब देंहटाएंधयवाद ।
सच किसान खेती बाड़ी छोड़ दे तो सभी भूखों मर जाय ..
जवाब देंहटाएंईश्वर के दूत हैं लेकिन काश की सभी लोग समझ पाते यह बात ..
बहुत सुन्दर रचना
मेहनती किसानो को मेरा शत-शत नमन।
जवाब देंहटाएंजय किसान ।।।
किसानों को उनकी मेहनत का फल ही नही मिल पाता है। जो किसान खेतों मे पसिना बहाता है, वही किसान अनाज के एक-एक दाने के लिए तरसता है। किसानो की व्यथा बहुत ही सुंदर शब्दों में व्यक्त की है आपने!
जवाब देंहटाएंKisan hamara anndata
जवाब देंहटाएंKisan hamara anndata
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