- बस अब और नहीं आरक्षण की आड़ में राजनीति अब और नहीं,आरक्षण की चाह ,और इतना भक्षण अपने स्वार्थ के लिये अन्य लोगों को नुकसान पहुँचना ।6h
बन्द करो बस बन्द करो,योग्यता को आरक्षण की लाठी की आव्य्शाकता नहीं *
आरक्षण का ये घिनौना खेल बन्द करो ,आरक्षण का की आड़ में अपनी मात्रभूमि में आतंक ना फैलायें आज देश
में वो स्थिथि आ चुकी की है ,आरक्षण के हकदार वास्तव में आर्थिक रूप से कमजोर लोगे ही होने चाहिये , अगर किसी भी व्यक्ति में योग्यता है तो दुनियाँ की कोई ताकत आपको आगे बढने से नहीं रोक सकती ,योग्यता के आधार पर आगे बढिए ,आरक्षण की लाठी लेकर आगे बढना यानि स्वयं को कमजोर समझना मेरी देश वासियों से विनती है ,कृपया आरक्षण के नाम पर दँगा फसाद ना फैलाएँ स्वयं को काबिल और सक्षम बनाएँ अपनी क़ाबलियत व् योग्यता के बल पर आगे बढिए ,क्या बहते हुए पानी को कोई रोक पाया है क्या कभी रोशनी की हल्की सी किरण भी अगर जो हो तो वो झरोंकों से बाहर निकल ही जाती है ,योग्यता को आरक्षण की लाठी की कोई आवय्शकता नहीं योग्यता को अपाहिज न बनाइये
Ritu Asooja Rishikesh , जीते तो सभी है , पर जीवन वह सफल जो किसी के काम आ सके । जीवन का कोई मकसद होना जरूरी था ।परिस्थितियों और अपनी सीमाओं के अंदर रहते हुए ,कुछ करना था जो मेरे और मेरे समाज के लिए हितकर हो । साहित्य के प्रति रुचि होने के कारण ,परमात्मा की प्रेरणा से लिखना शुरू किया ,कुछ लेख ,समाचार पत्रों में भी छपे । मेरे एक मित्र ने मेरे लिखने के शौंक को देखकर ,इंटरनेट पर मेरा ब्लॉग बना दिया ,और कहा अब इस पर लिखो ,मेरे लिखने के शौंक को तो मानों पंख लग
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