स्वस्थ समाज का आगाज़
आपकी हमारी हम सब की आवाज
चयनित करें ऐसा नेता जो सुनने को रहे
तत्पर हर क्षण समाज की आवाज
निस्वार्थ सेवा जनहित करें हो बढ़ा समाज सुधारक
बुद्धि जीवि और बड़ा विचारक
निसंकोच करें हम जिसका आदर
बने वो हमारे देश का रक्षक
लोकतंत्र का अधिकार कभी
ना करें इसका दुरुपयोग
एक अपने ही पैरों पर कुल्हाड़ी मारने
जैसा रोग ....
लोकतंत्र है एक बड़ा धर्म सर्व जन हिताय
जिसका मर्म , लोकतंत्र स्व उत्थान का धन
सूझ-बूझ से बुद्धि जीवि का हो चयन
लोकतंत्र में प्रजा ही करे अपने राजा का चयन
राजा वही जो प्रजा का करे प्रगति
नव नूतन निष्पक्ष निर्माण .........