''कुछ तो लोग कहेंगे ''
जब ज़िंदगी के कैनवास के रंग लगने लगे
बेरंग--------
उसी क्षण बदल लेना अपने जीवन जीने का ढंग ,
उदासियों का न करना कभी संग ,
उदासियों के कोहरे को चीरते हुए आगे निकल जाना।
माना कि जीवन है ,'जंग '
फिर भी जीवन के हैं कई रंग।
दिल कि सुनना ,
कुछ तो लोग कहेंगे , लोगों का ,काम है कहना। '
रँग बिरंगे रंगो से जीवन सजा लेना ,
परस्पर प्रेम का दीप जला लेना ,
उम्मीद कि नई किरण ढूंढ लेना ,
किरण जो ले जाए उजाले कि ओर,
तुम्हें रोशन करे और सारे जहाँ को रोशन कर जाए।
जिंदगी की जंग में ,जगा के नई उमंग।
खुशियों के संग ,जब होगी नई तरंग।
तब होगा जीवन का शुभ आरम्भ।