**कविता**

 --------------क्या आप मेरी बात से सहमत है ?
** * * एक अनपढ़ भी कविता रच सकता है
क्योंकि कविता आत्मा की आवाज है **

** कविता आत्मा की आवाज है
समाजिक समावेश के सुन्दर भाव हैं ।
कविता विचारों की सुमधुर झंकार है
कविता मात्र शब्द नही ,कोई छन्द नही।

कविता कभी समाजिक कुरीतियों के
प्रति उठने वाली आवाज है ,तो कभी
वीर,हास्य,श्रृंगार रस में बंधे शब्दों का सार है ।

कविता अन्तर्मन में उठने वाले द्वन्दों की पुकार है
कविता किसी भी भावपूर्ण मन मे उठने वाले
भावों का सार है । कविता तारीफों की मोहताज नही
कविता स्वयं ही तारीफे अन्दाज है **

आओ अच्छा बस अच्छा सोचें

 आओ कुछ अच्छा सोचें अच्छा करें , अच्छा देखें अच्छा करने की चाह में इतने अच्छे हो जायें की की साकारात्मक सोच से नाकारात्मकता की सारी व्याधिया...