विचार बड़े अनमोल

विचार बड़े अनमोल होते 

विचारों ही बनाते हैं 

विचार ही बिगाड़ते हैं 

जिव्हा पर आने से पहले 

विचार मस्तिष्क में पनप जाता है 

विचारों का आकार होता है 

विचारों का व्यवहार होता है 

कौन कहता है हम करते हैं 

पहले विचारों के बीज पनपते हैं

फिर हम उन्हें नए -नए आकार देते हैं 

कौन कहता है विचार मनुष्य के बस में नहीं होते 

विचारों का दरिया जब बहता है

तब उसमें बांध बनाने होते हैं 

नहीं तो विचारों का ताण्डव 

क्रोध की अग्नि बन स्वयं भी 

जलता है और अन्यों को भी 

जलाता है।


आओ अच्छा बस अच्छा सोचें

 आओ कुछ अच्छा सोचें अच्छा करें , अच्छा देखें अच्छा करने की चाह में इतने अच्छे हो जायें की की साकारात्मक सोच से नाकारात्मकता की सारी व्याधिया...