“ ये धरती अपनी है , नीला आसमान भी अपना है “
खेलने को खुला मैदान है ,आओ मित्रों खेल खेलें
हम बन्द कमरों में नहीं रहते , हमारे खेल बड़े-बड़े हैं
हमें रहने को खुला मैदान चाहिए , सपने देखने को
चाँद , सितारों का जहाँ चाहिये ।
खेलने को खुला मैदान है ,आओ मित्रों खेल खेलें
हम बन्द कमरों में नहीं रहते , हमारे खेल बड़े-बड़े हैं
हमें रहने को खुला मैदान चाहिए , सपने देखने को
चाँद , सितारों का जहाँ चाहिये ।