*मानवता की पुकार*

बहुत फैल चुका है
समाज में जंगलराज
जंगली जानवरों का साम्राज्य
खूंखार भेड़ियों की दरिंदगी
तबाह हो रही है
कई बेटियों की जिंदगी
असहनीय है यह दर्द
मानवता का निभाना होगा फर्ज
सर पर चढ़ रहा है बहुत कर्ज
अब पूरी करनी होगी अर्ज
जंगली भेड़ियों का करना होगा अंत
उठाओ तलवार और कर दो वार
मानवता की पुकार
इंसानियत कर रही है ललकार 😠😡

*मीठा,सरल ,सीधा बचपन*

मीठा,सरल,सीधा बचपन
बच्चे थे तो अच्छे थे
आसमान से भी ऊंचे सपने थे
दादी,नानी से किस्से सुनते थे
वीरों के पराक्रम और
महापुरूषों प्रेरक प्रसंग
नैतिकता का देते परिचय
बन जीवन का प्रेरणास्रोत
उन जैसा बनने को करते प्रेरित ..... 
स्वर्ग से अप्सराएं आती थीं
परियां जादू की झडियों
 से मन की मुरादी बातें पूरी करती थीं
चंदा को मामा कहते थे 
पक्षियों की तरह चहचहाते थे
ऊंची -ऊंची उड़ाने भरते थे
खेलकूद ही अपना जीवन था
भविष्य तो बड़ों का सपना था
दोस्ती भी खूब निभाते थे 
कट्टी-अप्पा से रूठते मनाते थे
बचपन में बड़प्पन दिखाकर
सबको खूब हंसाते थे 
सबके मन को भाते थे 
शायद तब हम सच्चे थे 
अक्ल के थोड़े कच्चे थे 
पर बच्चे थे तो अच्छे थे 
मैं मुझमें मेरा बचपन बेफिक्र
 होकर जीवन भर जीना चाहता हूं

**आत्मविश्वास**

आत्मविश्वास
आत्मविश्वास
© Ritu Asooja
Inspirational
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प्रतिस्पर्द्धा
प्रतिस्पर्द्धा के युग में दौड़ता भागता मनुष्य
सुधारने को अपना भविष्य
अपना वर्तमान दाव पर लगाता
कल किसने देखा
सर्वप्रथम अपने वर्तमान को संवार

जी ले जरा
हार और जीत जीवन के दो पहलू
जीवन की सबसे बड़ी पूंजी आत्मविश्वास
हारता वो है जिसने प्रयास ही नहीं किया
जिसने प्रयास किया और कर्म किया
वो नसंदेह जीत गया

प्रथम, द्वितीय या अन्य कोई भी स्थान
ये सबकी अपनी-अपनी कार्य क्षमता का प्रारूप
इसका संबंध नहीं जीत या हार से
अपने आत्मविश्वास को जगाए रखो
कार्यक्षमता में वृद्धि करो

जीवन में कभी अपने विश्वास को निराश मत करना
स्वयं पर पूर्ण रूपेण विश्वास से
बढ़ती है ही आत्मा की शक्ति
आत्म विश्वास यानि स्वयं पर विश्वास
विश्वास ही मनुष्य की सबसे बड़ी जीत है

और स्वयं की ही आत्मशक्ति पर 'अविश्वास '
निराशा को जन्म देताहै यहीं से प्रारम्भ होती है
अपनी सबसे बड़ी हार
आत्मविश्वास यानि स्वयं का स्वयं पर विश्वास भरोसा
जिससे वृद्धि को पाता है किसी भी मनुष्य का आत्मबल

अतः आत्म शक्ति को कभी
कमजोर नहीं होने देना
यही है जीवन का सबसे बड़ा गहना।

आओ अच्छा बस अच्छा सोचें

 आओ कुछ अच्छा सोचें अच्छा करें , अच्छा देखें अच्छा करने की चाह में इतने अच्छे हो जायें की की साकारात्मक सोच से नाकारात्मकता की सारी व्याधिया...