एक कप चाय की प्याली
खुशकिस्मत हो नसीबों वाली
वाह ! खुशी हो या गम
बरसात में, पकौड़ों की संग
जाड़े में अदरक और तुलसी वाली
भाती हो असर करती हो
हर समय मिल जाती हो
दशहरा हो या दिवाली
रिश्तों में मिठास घोलती
मित्रता की संगिनी
थकान की संजीवनी
जल के उबाल में हरि पत्तियों का सार
दुग्ध मिश्रण और शक्कर के घुल जाने
पर मीठा स्वाद वाह! क्या बात
जीवन की कड़वाहट में मीठास का घोल
रिश्तों को बनाती अनमोल
एक चाय की प्याली इलायची वाली
स्वाद का जीभ से रिश्ता
चाय का बहाना अच्छा है
कुछ देर और सुस्ताना है
सुकून के पलों को तलाशना है ।
चाय से सीखा एक गुण सयाना है
थोड़ी कड़वाहट को शक्कर सी
मीठे बोलों से हटाना है
चाय से सीखा एक गुण सयाना है थोड़ी कड़वाहट को शक्कर सी
जवाब देंहटाएंमीठे बोलों से हटाना है
वाह!!!
चाय की चुस्की में भी सीख ढ़ूंढ़ ली आपने रितु जी...
बहुत ही सुन्दर ।
नमन आभार सुधा जी
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