हम सब समझते हैं, डाक्टर साहब!
आप लोग हमारे साथ इतना गंदा व्यवहार क्यों करते हैं ।
हम लोग गरीब हैं ना इसलिए आप हमारे साथ ऐसा व्यवहार कर रहे हैं ,डाक्टर साहब आप बड़े लोग हैं,पड़े-लिखे हैं ।
इसका यह मतलब बिल्कुल नहीं की हमारी कोई इज्जत नहीं ।
डाक्टर साहब! इससे पहले कुछ कहते डाक्टर के क्लीनिक में काम करने वाला एक कर्मचारी आ गया
वह उस मरीज को पकड़ कर बाहर ले गया ।
कर्मचारी मरीज से, तुम्हें डाक्टर साहब से इस तरह बात नहीं करनी चाहिए थी वो बड़े हैं ,हम लोग भी उनसे ऊंची आवाज में बात नहीं कर सकते ।
मरीज, अस्पताल में काम करने वाले कर्मचारी से तुम्हें जितनी जी हजूरी करनी है करो ,तुम तो करोगे क्योंकि तुम उनके यहां काम करते हो ,अगर कुछ कहोगे तो नौकरी से निकाल दिए जाओगे ।
तुम्हें उनका चमचा बनना है तुम बनो ,हम क्यों बने, इतनी फीस देते हैं हम लोग डाक्टर को और वो कहते हैं दूर बैठो ,जल्दी बोलो ज्यादा मत बोलो सफाई का ध्यान रखो ।
मरीज हम लोग गरीब हैं ,परंतु अछूत नहीं हमारे पास अच्छे कपड़े नहीं तो हम क्या करें ।
कर्मचारी ,मरीज से, बात अच्छे कपड़ों की नहीं ,बात साफ सफाई की है ,दो जोड़ी कपड़ों में भी इंसान साफ कपड़े तो पहन सकता है ।
ये शोर कैसा बाहर से आवाजें आ रही थीं सभी की नजरें बाहर देखने लगी ।
एक औरत जोर - जोर से रो रही थी, किसी ने आकर बताया की उसकी पति की मृत्यु हो गई है ,सिर्फ चालीस साल का था ,कुछ दिन पहले उस औरत के ससुर की भी मृत्यु हो गई थी इसी बीमारी से और
वही बीमारी उसके पति को भी ही गई थी ,डॉक्टरों ने और सबने उसे बहुत समझाया था की बीमार व्यक्ति से दूर रहे लेकिन वो नहीं माना और आज देख लिया उस भी जान से हाथ धोना पड़ा ।
मरीज , अस्पताल के कर्मचारी से ऐसी कौन सी महामारी आ गई है जो ऐसा हो रहा है ।
डाक्टर:- मरीज को समझाते हुए देखो भाई हमें तुमसे कोई तकलीफ़ नहीं है ,डाक्टर का तो फर्ज है मरीज का इलाज करना ।
मैंने इसीलिए कहा था ,थोड़ी दूरी बना कर रखो इसमें तुम्हारा और हमारा और हम सब का तुम्हारे ,हमारे सबके परिवारों का फायदा होगा ।
कहा जा रहा है सबसे पहले इस बीमारी से चीन के वुहान शहर में किसी एक की मृत्यु हुई और धीरे -धीरे यह बीमारी इतनी फैल गई कि इस बीमारी के संक्रमण से चीन में हजारों की संख्या में लोग मरने लगे ।
फिर डॉक्टरों और वैज्ञानिकों के शोधों द्वारा यह पता चला की यह बीमारी किसी वाइरस के संक्रमण से फैल रही है ,इस बीमारी से ग्रसित व्यक्ति के संपर्क में जो भी आया उसे यह बीमारी हो गई ।
और फिर दुनिया भर में इस वायरस के संक्रमण से कई लोग बीमार होने लगे सांस रुकने से मृत्यु ।
शोधों से यह पाया गया जो लोग इस बीमारी से ग्रसित लोगों के संपर्क में नहीं आ रहे हैं ,वह सुरक्षित हैं । लेकिन इस वायरस के कण इतने सूक्ष्म हैं कि अगर संक्रमित व्यक्ति खांसते छींकते वक्त इधर-उधर गिर जाते है और उसके छूने से अन्य व्यक्ति भी संक्रमित हो जाता है ।
और दूसरा ,इसलिए इस चेन को तोड़ना है ।
इस संक्रमण से बचने का सबसे बेहतर इलाज संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाकर रखना ।
क्योंकि शुरुआत में पता नहीं चलता कि यह बीमारी किस को है ,इसलिए इससे बचाव ही बेहतर इलाज है ।
बात छुआ छूत की नहीं है ,बात बचाव की है ।
लोगों से कम से कम मेलजोल यानि समाजिक दूरियां , दूरियां कुछ दिनों के लिए हैं जब तक यह बीमारी का संक्रमण ख़तम नहीं हो जाता ।
आजकल सोशल मीडिया का समय है ,किसी से मिले बिना भी फोन पर बातचीत करके उनका हाल खैरियत पूछी जा सकती है।
हाथों को , बार- बार धोना ,बाजार से जरूरी सामान लाकर उन्हें किसी बाहर से साफ करना ।
मरीज:- डाक्टर से डाक्टर साहब ,मुझे माफ़ कर दीजिए ,मैंने पूरी बात जाने बिना आपको बुरा भला कह दिया ।
आप लोग तो सच में भगवान हैं ,हम लोग जब घरों में सुरक्षित हैं ,आप लोग अपनी जान की परवाह किए बिना मरीजों का इलाज कर रहे हैं ,आप महान हैं डाक्टर साहब ,मुझे माफ़ कर दीजिएगा , मैं भी अपना फर्ज निभाऊंगा और लोगों को जागरूक करूंगा ।