**जीवन पथ **

  **जीवन पथ पर ,मेरे संग सत्य हो ,
     दया धर्म हो, निस्वार्थ प्रेम का अद्भुत रंग हो **

 **मान देना ,सम्मान देना
     पर ना देना अभिमान मुझे **

    ** उपकार करूं , सत्कार करूं मैं
         नहीं किसी का तिरस्कार करूं मैं **

        ** गिरते हुए का सहारा बन जाऊं मैं,
        पर ना किसी को गिराने का प्रयास करूं मैं**

  ** ऊंचा उठना , तरक्की करना हो मंजूर  मुझे,
        किसी को नीचा दिखाना ना भाए कभी मुझे*"
       **
   **ना हो मुझे किसी से कोई ईर्ष्या ,ना कोई
      द्वेष प्रतिस्पर्द्धा **
     ** मेरे कर्म मेरी पहचान बने ,
         मान बने सम्मान बने ,देश की पहचान बने **

     ** चाहे दीपक की तरह जलता रहूं,
          दिन रात पिघलता रहूं ,परंतु आखिरी सांस
          तक उजाले का सबब बन कर जियूं**

      **दरिया के बहते जल सी हो तकदीर मेरी
    रुकना मेरा स्वभाव नहीं ,आगे बढ़ना हो स्वभाव       मेरा**
 **नहीं बनना बड़ा मुझे , कहीं किसी बगिया का पुष्प बनकर ,बगिया को महकाऊ ,अपने छोटे से जीवन को सफल कर जाऊं **


         
     
    

2 टिप्‍पणियां:

  1. आमीन ...
    एक छोटी सी चाह ... इश्वर के प्रति गहरी आसक्ति उसकी अनुभूति ये सब कुछ करने की प्रेरणा देती है ... अच्छी रचना है ...

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आओ अच्छा बस अच्छा सोचें

 आओ कुछ अच्छा सोचें अच्छा करें , अच्छा देखें अच्छा करने की चाह में इतने अच्छे हो जायें की की साकारात्मक सोच से नाकारात्मकता की सारी व्याधिया...