**जीवन पथ पर ,मेरे संग सत्य हो ,
दया धर्म हो, निस्वार्थ प्रेम का अद्भुत रंग हो **
**मान देना ,सम्मान देना
पर ना देना अभिमान मुझे **
** उपकार करूं , सत्कार करूं मैं
नहीं किसी का तिरस्कार करूं मैं **
** गिरते हुए का सहारा बन जाऊं मैं,
पर ना किसी को गिराने का प्रयास करूं मैं**
** ऊंचा उठना , तरक्की करना हो मंजूर मुझे,
किसी को नीचा दिखाना ना भाए कभी मुझे*"
**
**ना हो मुझे किसी से कोई ईर्ष्या ,ना कोई
द्वेष प्रतिस्पर्द्धा **
** मेरे कर्म मेरी पहचान बने ,
मान बने सम्मान बने ,देश की पहचान बने **
** चाहे दीपक की तरह जलता रहूं,
दिन रात पिघलता रहूं ,परंतु आखिरी सांस
तक उजाले का सबब बन कर जियूं**
**दरिया के बहते जल सी हो तकदीर मेरी
रुकना मेरा स्वभाव नहीं ,आगे बढ़ना हो स्वभाव मेरा**
**नहीं बनना बड़ा मुझे , कहीं किसी बगिया का पुष्प बनकर ,बगिया को महकाऊ ,अपने छोटे से जीवन को सफल कर जाऊं **
दया धर्म हो, निस्वार्थ प्रेम का अद्भुत रंग हो **
**मान देना ,सम्मान देना
पर ना देना अभिमान मुझे **
** उपकार करूं , सत्कार करूं मैं
नहीं किसी का तिरस्कार करूं मैं **
** गिरते हुए का सहारा बन जाऊं मैं,
पर ना किसी को गिराने का प्रयास करूं मैं**
** ऊंचा उठना , तरक्की करना हो मंजूर मुझे,
किसी को नीचा दिखाना ना भाए कभी मुझे*"
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**ना हो मुझे किसी से कोई ईर्ष्या ,ना कोई
द्वेष प्रतिस्पर्द्धा **
** मेरे कर्म मेरी पहचान बने ,
मान बने सम्मान बने ,देश की पहचान बने **
** चाहे दीपक की तरह जलता रहूं,
दिन रात पिघलता रहूं ,परंतु आखिरी सांस
तक उजाले का सबब बन कर जियूं**
**दरिया के बहते जल सी हो तकदीर मेरी
रुकना मेरा स्वभाव नहीं ,आगे बढ़ना हो स्वभाव मेरा**
**नहीं बनना बड़ा मुझे , कहीं किसी बगिया का पुष्प बनकर ,बगिया को महकाऊ ,अपने छोटे से जीवन को सफल कर जाऊं **
आमीन ...
जवाब देंहटाएंएक छोटी सी चाह ... इश्वर के प्रति गहरी आसक्ति उसकी अनुभूति ये सब कुछ करने की प्रेरणा देती है ... अच्छी रचना है ...
Ji aabhar
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